Wednesday, December 22, 2010
mind game
मन अच्छा है या बुरा ? मुझे लगता है की मन तो बेचारा एक शरीफ सा प्राणी है जो हमेशा से उस चीज़ के पीछे भाग रहा है जिसमे उसे लगता है की आनंद मिलेगा, जैसे की दूसरो द्वारा प्रशंसा और सबसे बड़ी attraction - sex. ये सब वो चीज़े हैं जिनमे हमें कभी न कभी सुख मिला हुआ है और इनकी इच्छा इतनी तीव्र होती है की उसको resist करना बहुत मुश्किल होता है । इसी तरह से किसी को अगर एक बार भी दिव्य भगवत आनंद मिल जाए तो वो तो उसी के लिए पागल सा हो जाएगा । इसी लिए रसिको और भगतो का प्रेम में पागल होकर भगवन को चाहना बिलकुल स्वाभाविक है । इससे एक और बात साबित होती है की हमें आज तक कभी किसी जनम में भी भगवत आनंद नहीं मिला । हम हमेशा से ही मायाबध थे । तो बस एक बार भगवत आनंद चखना है , फिर तो मन अपने आप ही उसी में लग जाएगा।
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1 comment:
badiya...man to sach mein e medium hai.. how can a medium be good or bad....it's usage can be.. likhte rahiye.. man ko sahi disha milegi ;)
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